वर्धा प्रतिनिधी
हिंदी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों/शोधार्थियों के निलंबन/निष्काशन के संदर्भ में प्रभारी कुलपति से की गयी निष्पक्ष जाँच कमेटी गठित करने की मांग।
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में विश्विद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा की जा रही छात्र विरोधी गतिविधियों पर तत्काल संज्ञान लिए जाने के संबंध में विश्वविद्यालय की एआईएसएफ यूनिट ने विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति को संबोधित ज्ञापन दिया है और रिटायर्ड जज की निगरानी में निष्पक्ष जाँच कमेटी का गठन करने की मांग की है उक्त ज्ञापन में उल्लिखित है की विश्वविद्यालय में छात्रों के निलंबन/निष्काशन से सम्बंधित प्रक्रिया के निर्णय में लगातार विद्यार्थियों के मानवाधिकारों का हनन किया, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौक़ा दिए बिना ही उन पर कार्यवाही किये जाना, भारतीय संविधान व प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है विद्यार्थियों के निलंबन/निष्काशन के अब तक 46 दिवस व विवेक मिश्र द्वारा किये जा रहे सत्याग्रह के 42 दिन से अधिक हो जाने के उपरान्त भी विश्वविद्यालय की तरफ से विद्यार्थियों से संवाद व उनका पक्ष सुनने सम्बन्धी कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गयी है
विश्वविद्यालय द्वारा निलंबन/निष्काशन के शिकार विद्यार्थियों को निलंबन की अवधि, बैक, आवास, भोजन, चिकित्सा, लाइब्रेरी, शैक्षिक वातावरण, परीक्षा जैसी मुलभुत सुविधाओं से भी वंचित किया गया है। विश्वविद्यालय के जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा लगातार पीड़ित विद्यार्थियों के प्रति नकारात्मक बयानबाजी की जा रही है जो उनकी सामाजिक पूंजी का हनन, मानसिक- शारीरिक, आर्थिक शोषण व संस्थान द्वारा अपराधीकरण किये जाने की प्रक्रिया का हिस्सा है। एआईएसएफ द्वारा कुलपति से मांग की गयी है कि निलंबन/निष्काशन के शिकार विद्यार्थियों को अपना पक्ष रखने का मौक़ा दिया जाये तथा विद्यार्थियों का शोषण करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर उचित कार्यवाही की जाये जिससे विश्वविद्यालय की गरिमा का संरक्षण व आदर्श वाक्य, ज्ञान, शांति, मैत्री को साकार किया जा सके।