पुणे प्रतिनिधी
सोन्याच्या दागिन्यामध्ये पारंपारिक आभूषणाची आवड असणार्यासाठी महाराष्ट्राचे आराध्यदैवत श्री विठ्ठल रुक्मिणी मूर्तींच्या अध्यात्मिक कल्पना आणि रचना माथॉलॉजीवर प्रेरित होवून मुर्तीवरील कोरलेल्या पौराणिक छायचित्रांवर आधारित श्री रुक्मिणी कलेक्शन 50 वर्षांची समृद्ध परंपरा असलेल्या एस. एस. नगरकर ज्वेलर्सतर्फे सादर करण्यात आले आहे. श्री रुक्मिणी कलेक्शनमध्ये पुतळीहार, मासोळ्या, बाजूबंद, मंगळसूत्र, लक्ष्मी हार, चंद्रहार राणीहार, विविध कंगन, झुमके नथ, नथनी इत्यादींचा समावेश असून पारंपारिक दागिन्याची आवड लक्षात घेऊन या दागिन्यांचे डिझाईन करण्यात आले आहे. या कलेक्शनचे अनावरण पत्रकार परिषदेत एस. एस. नगरकर ज्वेलर्सचे संचालक प्रसाद नगरकर, वसंत नगरकर, पुष्कर नगरकर यांच्या हस्ते करण्यात आले असून हे आभूषण एस. एस. नगरकर यांच्या दुकानात ग्राहकांसाठी उपलब्ध आहेत.
याप्रसंगी बोलताना प्रसाद नगरकर म्हणाले की, आम्ही एस एस नगरकर ज्वेलर्सच्या माध्यमातून चेन्नई, केरळ, कर्नाटका येथील मंदीर आणि मुर्तींच्या अध्यात्मिक कल्पना आणि रचना माथॉलॉजीवर प्रेरित होऊन पारंपारिक आभूषण चाहत्यांसाठी दागिने बनविले जात होते. आता यासोबत महाराष्ट्रातील संस्कृती आणि परंपरा जपण्यासाठी महाराष्ट्राचे कुलदैवत श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदीर आणि मूर्तींपासून प्रेरित होऊन 800 ते 1200 कालावधीतील वापरात असलेले रोजच्या आणि सणासुदीच्या दागिन्याचे छायाचित्र पाहून श्री रुक्मिणी कलेक्शनच्या माध्यमातून प्रथमच नवीन कलेक्शन ग्राहकांसाठी आणले आहे. या कलेक्शनद्वारे आपल्या समृद्ध परंपरा व नात्यातील दृढता, प्रेम जपण्याचा प्रयत्न केला आहे.
वसंत नगरकर म्हणाले, श्री रुक्मिणी कलेक्शन सादर करण्यापुर्वी आम्हाला सुमारे सात वर्ष विविध छायाचित्रांचा आणि मंदीरांचा अभ्यास करावा लागला. त्यानंतर श्री रुक्मणी कलेक्शन अंतर्गत पारंपारिक दागिने तयार केले असून 25 ग्रॅम पासून अडीचशे ग्रॅम पर्यंत ग्राहकांना फक्त एस. एस. नगरकर ज्वेलर्समध्ये उपलब्ध होतील. आमच्या अनुभवी कारागीरांनी माणिक, पाचू, हिरे, पोलकी डायमंड, याचा सुयोग्य वापर करून पारंपारिक आभूषणात पुतळीहार, मासोळ्या, बाजूबंद, मंगळसूत्र, लक्ष्मी हार, चंद्रहार राणीहार, विविध बांगड्या, झुमके, नथ, नथनी घडविले आहेत. विशेष म्हणजे श्री रुक्मिणी कलेक्शन अवघ्या दोन महिन्यासाठी ग्राहकांसाठी उपलब्ध असणार आहे. तसेच जर कोणास पौराणिक छायाचित्राच्या माध्यमातून दागिने बनवून हवे असतील तर ते ही बनविले जातील.
----------------------------
पारंपरिक आभूषणों पर आधारित श्री रुक्मिणी कलेक्शन पेश
एस. एस. नगरकर ज्वेलर्स पुणे द्वारा श्री रुक्मिणी कलेक्शन पेश
पुणे- सोने के गहनों में पारंपरिक आभूषणों को पसंद करने वालों के लिए, महाराष्ट्र के देवता श्री विठ्ठल रुक्मिणी की मूर्तियों की आध्यात्मिक कल्पना और डिजाइन माथॉलॉजीसे प्रेरित पौराणिक छायाचित्र पर आधारित श्री रुक्मिणी कलेक्शन 50 वर्षों की समृद्ध परंपरा विविध पौराणिक आभूषण निर्माण करनेवाले एस.एस.नगरकर ज्वैलर्स द्वारा नए कलेक्शन प्रस्तुत किए है। श्री रुक्मिणी संग्रह में पुतलीहार, मासोळ्या, बाजूबंद, मंगलसूत्र, लक्ष्मी हार, चंद्रहार रानीहार, विभिन्न चूड़ियाँ, झुमका नथ, नथनी आदि शामिल हैं। इन आभूषणों को पारंपरिक आभूषणों की चाहत को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस कलेक्शन का अनावरण एस. एस. नगरकर ज्वेलर्स के संचालक प्रसाद नगरकर, वसंत नगरकर, पुष्कर नगरकर के हाथो अनावरण किया गया। एस. एस.नगरकर की दुकान में ग्राहकों के लिए यह आभूषण उपलब्ध है।
इस अवसर पर बोलते हुए, प्रसाद नगरकर ने कहा कि एसणएस नगरकर ज्वैलर्स के माध्यम से, हम चेन्नई, केरल, कर्नाटक में मंदिरों और मूर्तियों के आध्यात्मिक विचारों और डिजाइन पौराणिक माथॉलॉजी से प्रेरित पारंपरिक आभूषण ग्राहकों के लिए आभूषण बना रहे थे। अब इसके साथ ही महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने के लिए महाराष्ट्र के प्रसिध्द देवता श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदीर और मूर्तियों से प्रेरित 800 और 1200 के बीच उपयोग में आने वाले रोजमर्रा और उत्सव के गहनों की तस्वीरों को देखकर श्री रुक्मिणी कलेक्शन के माध्यम से पहली बार ग्राहकों के लिए एक नया कलेक्शन पेश किया गया है। इस संग्रह के माध्यम से हमने अपनी समृद्ध परंपरा और अपने रिश्ते की दृढता, और प्रेम को बनाए रखने की कोशिश की है।
वसंत नगरकर ने कहा, श्री रुक्मिणी संग्रह पेश करने से पहले हमें लगभग सात वर्षों तक विभिन्न तस्वीरों और मंदिरों का अध्ययन करना पड़ा। उसके बाद श्री रुक्मिणी कलेक्शन के तहत पारंपरिक ज्वैलरी बनाई गई है और ग्राहकों को 25 ग्राम से लेकर 250 ग्राम तक के गहने सिर्फ एस. एस.नागरकर ज्वैलर्स में उपलब्ध है। हमारे अनुभवी कारीगरों द्वारा माणिक, पन्ना, हीरे, पोल्की हीरे इसका सही इस्तेमाल कर पारंपरिक आभूषणों में पुतलिहार, मसोली, बाजूबंद, मंगलसूत्र, लक्ष्मी हर, चंद्रहर रानीहार, विभिन्न चूड़ियाँ, झुमके, नथ, नथनी बनाये है। दिलचस्प बात यह है कि श्री रुक्मिणी कलेक्शन ग्राहकों के लिए सिर्फ दो महीने के लिए उपलब्ध होगा। साथ ही यदि कोई पौराणिक चित्रों के माध्यम से आभूषण बनाना चाहेगा तो वह बनवाए जाऐगें।
----------------------
S. S. Nagarkar Jewelers presents Shree Rukmini Collection
Shree Rukmini present Collection based on the mythological silhouettes.
Pune- With a rich tradition of 50 years, S. S. Nagarkar Jewelers presents the Sri Rukmini collection based on mythological silhouettes inspired by the spiritual ideas and design methodology of the idol of Maharashtra, Sri Vitthal Rukmini Murthy, for the traditional jewelery lovers.Rukmini Collection includes Putlihar, Masoli, Bajuband, Mangalsutra, Lakshmi Har, Chandrahar Ranihar, Various Bangles, Jhumka Nath, Nathni etc. These jewelery designs are designed keeping in mind the love of traditional jewellery. The collection was unveiled at a press conference by S. S. The directors of Nagarkar Jewelers are Prasad Nagarkar, Vasant Nagarkar, Pushkar Nagarkar and S. S. Nagarkar shops are available for customers.
Speaking on the occasion, Prasad Nagarkar said that through SS Nagarkar Jewellers, we were making jewelery for traditional jewelery fans inspired by the spiritual ideas and design methodology of temples and idols in Chennai, Kerala, Karnataka.Now along with this, to preserve the culture and tradition of Maharashtra, a new collection has been brought to the customers for the first time through Shree Rukmini Collection, inspired by the temple and idols of Maharashtra's deity Shri Vitthal Rukmini temple and idols from 800 to 1200. Tried to preserve.
Vasant Nagarkar said, “We had to study various photographs and temples for about seven years before presenting the Shree Rukmini collection. After that traditional jewelery has been created under Shree Rukmini Collection and from 25 grams to 250 grams to customers only at S. S. Available at Nagarkar Jewellers.Our experienced artisans have created Putlihar, Masolia, Bajuband, Mangalsutra, Lakshmi Haar, Chandrahar Ranihar, various Bangles, Jhumkas, Naths, Nathanis in traditional jewelery using rubies, emeralds, diamonds, polki diamonds, etc. Interestingly, the Shree Rukmini collection will be available for customers for just two months. Also, if anyone wants to make jewelery through mythological photographs, they will be made.